हनुमान जी का उपवास कैसे करें

Hanuman ji ka upvas kaise karte hain ? हनुमान जी, भगवान राम के परम भक्त और शक्ति, भक्ति व निष्ठा के प्रतीक हैं। हनुमान जी का उपवास करने से भक्तों को मानसिक शांति, शारीरिक बल और जीवन में सकारात्मकता प्राप्त होती है। यह उपवास विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को किया जाता है, क्योंकि ये दिन हनुमान जी को समर्पित माने जाते हैं। इस लेख में हम हनुमान जी के उपवास के नियम, प्रसाद, मंत्र और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानेंगे ताकि आप इस उपवास को सही तरीके से कर सकें।
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Contents
हनुमान जी का उपवास कैसे करें | Hanuman ji ka upvas kaise karte hain
हनुमान जी का उपवास कैसे करें: मंगलवार और शनिवार के उपवास के नियम, प्रसाद, मंत्र और पूजा विधि की विस्तृत जानकारी। हनुमान चालीसा पाठ और संकट मोचन मंत्र के साथ भक्ति और शक्ति प्राप्त करें।
हनुमान जी का उपवास क्यों करें?
हनुमान जी का उपवास करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- मानसिक शांति: हनुमान जी की भक्ति से तनाव और चिंता कम होती है।
- संकटों से मुक्ति: हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमान जी “संकट मोचन” हैं, जो भक्तों को हर मुसीबत से बचाते हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह उपवास भक्ति और आत्म-अनुशासन को बढ़ाता है।
- शारीरिक और मानसिक बल: हनुमान जी की पूजा से शारीरिक शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
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हनुमान जी के उपवास के नियम
हनुमान जी का उपवास करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि आपकी भक्ति और श्रद्धा पूर्णरूपेण फलदायी हो। निम्नलिखित नियमों का ध्यान रखें:
- ब्रह्मचर्य का पालन: उपवास के दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें।
- सात्विक भोजन: उपवास के दौरान केवल सात्विक भोजन (जैसे फल, दूध, साबूदाना, या व्रत का खाना) ग्रहण करें। कुछ भक्त निर्जला उपवास (बिना पानी) भी रखते हैं।
- नकारात्मकता से बचें: क्रोध, झूठ, और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। हनुमान जी की भक्ति में सकारात्मकता और शांति जरूरी है।
- स्वच्छता: उपवास शुरू करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को भी साफ रखें।
- मांस-मदिरा से परहेज: उपवास के दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- हनुमान चालीसा और मंत्रों का जाप: दिन में कम से कम एक बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। अन्य मंत्रों का जाप भी करें, जिनका विवरण नीचे दिया गया है।
- दान और सेवा: उपवास के दिन जरूरतमंदों को दान देना और सेवा करना शुभ माना जाता है।
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हनुमान जी के उपवास की तैयारी –
उपवास शुरू करने से पहले निम्नलिखित तैयारियां करें:
- संकल्प लें: सुबह स्नान के बाद हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर उपवास का संकल्प लें। संकल्प में अपनी इच्छा और भक्ति का उद्देश्य स्पष्ट करें।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए हनुमान जी की मूर्ति/चित्र, फूल, धूप, दीप, रोली, चंदन, और प्रसाद तैयार करें।
- समय का ध्यान: मंगलवार या शनिवार को सुबह जल्दी उठकर उपवास शुरू करें।
हनुमान जी की पूजा विधि –
- स्नान और ध्यान: सुबह स्नान करें और शुद्ध मन से पूजा के लिए बैठें।
- पूजा स्थल की तैयारी: हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें। उनके सामने दीप जलाएं और धूपबत्ती प्रज्वलित करें।
- रोली और चंदन: हनुमान जी को रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- पुष्प अर्पण: हनुमान जी को लाल या पीले फूल अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा पाठ: हनुमान चालीसा का 1, 5, 11, या 108 बार पाठ करें। पाठ के दौरान शुद्ध उच्चारण का ध्यान रखें।
- मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- हनुमान मंत्र:
ॐ हं हनुमते नमः
(108 बार जाप करें।) - संकट मोचन मंत्र:
ॐ नमो भगवते हनुमते नमः
(इसका जाप विशेष रूप से संकट निवारण के लिए करें।) - राम तारक मंत्र:
ॐ श्री राम तारक मंत्र जापी, हनुमान की बजरंग बाणी।
(यह मंत्र शक्ति और साहस प्रदान करता है।)
- आरती: पूजा के अंत में हनुमान जी की आरती करें।
आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। - प्रसाद अर्पण: हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाएं और इसे भक्तों में बांटें।
हनुमान जी के लिए प्रसाद –
हनुमान जी को सात्विक और सरल प्रसाद प्रिय है। निम्नलिखित प्रसाद अर्पित करें:
- बेसन के लड्डू: हनुमान जी को बेसन के लड्डू बहुत प्रिय हैं।
- गुड़ और चना: भुने हुए चने और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।
- केला: हनुमान जी को केले का भोग लगाएं।
- हलवा: सूजी या बेसन का हलवा भी अर्पित किया जा सकता है।
- पान का बीड़ा: कुछ भक्त हनुमान जी को पान का बीड़ा भी चढ़ाते हैं।
ध्यान दें: प्रसाद हमेशा सात्विक और शुद्ध होना चाहिए। तामसिक सामग्री (जैसे प्याज, लहसुन) से बने प्रसाद न चढ़ाएं।
हनुमान जी के उपवास के प्रकार
- निर्जला उपवास: इस उपवास में पूरे दिन बिना पानी और भोजन के रहते हैं। यह सबसे कठिन उपवास है और इसे केवल स्वस्थ व्यक्ति ही करें।
- फलाहारी उपवास: इस उपवास में फल, दूध, और व्रत के लिए उपयुक्त खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं।
- सात्विक उपवास: इसमें सात्विक भोजन जैसे साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू की रोटी, और दही का सेवन किया जाता है।
हनुमान जी के उपवास का समय
- मंगलवार: हनुमान जी का प्रमुख दिन मंगलवार है। इस दिन उपवास करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- शनिवार: शनिदेव और हनुमान जी का संबंध होने के कारण शनिवार को भी उपवास किया जाता है।
- हनुमान जयंती: हनुमान जयंती (चैत्र पूर्णिमा) के दिन उपवास और विशेष पूजा की जाती है।
हनुमान जी के उपवास के लाभ
- संकटों से मुक्ति: हनुमान जी की कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
- मनोकामना पूर्ति: सच्ची भक्ति से हनुमान जी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: उपवास से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
- आत्मविश्वास: हनुमान जी की भक्ति से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
हनुमान चालीसा का महत्व
हनुमान चालीसा हनुमान जी की भक्ति का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। इसे तुलसीदास जी ने लिखा था, और यह 40 चौपाइयों का एक भक्ति भजन है। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से:
- डर और नकारात्मकता दूर होती है।
- भूत-प्रेत और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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उपवास तोड़ने की विधि
- उपवास के अंत में हनुमान जी की पूजा करें और आरती करें।
- प्रसाद ग्रहण करें और इसे परिवार वालों और जरूरतमंदों में बांटें।
- उपवास तोड़ने से पहले हनुमान जी को धन्यवाद दें और अपनी भक्ति को बनाए रखने का संकल्प लें।
निष्कर्ष
हनुमान जी का उपवास करना न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी लाभकारी है। सही नियमों, शुद्ध मन और भक्ति के साथ यह उपवास करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। हनुमान चालीसा का पाठ, मंत्र जाप और सात्विक प्रसाद के साथ इस उपवास को और भी प्रभावशाली बनाएं।
हनुमान जी की जय! श्री राम तारक मंत्र जापी, हनुमान की बजरंग बाणी!
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