हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं?
भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करने वाली हनुमान चालीसा पूरी दुनिया में करोड़ों भक्तों द्वारा श्रद्धा और भरोसे के साथ पढ़ी जाती है। यह स्तोत्र इतना शक्तिशाली और प्रभावशाली है कि संकट के समय इसे याद करते ही मन में साहस और ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन एक महत्वपूर्ण प्रश्न अक्सर भक्तों के मन में आता है — हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? आखिर किस महान संत ने इस अद्भुत भक्ति ग्रंथ की रचना की?
इस प्रश्न का उत्तर हमें इतिहास और भक्ति की अद्भुत कथा की ओर ले जाता है। हनुमान चालीसा के रचयिता हैं महान संत-भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी, जिन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह भगवान श्रीराम और हनुमान जी की भक्ति में समर्पित कर दिया था। उनके द्वारा रचित यह चालीसा केवल भक्ति का स्तोत्र नहीं, बल्कि भक्त-जीवन की प्रेरणा और हनुमान जी का दिव्य आशीर्वाद माना जाता है। हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? और इस पावन ग्रंथ की रचना कब, क्यों और कैसे हुई?
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हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं?
हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? इस लेख में जानिए गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखी हनुमान चालीसा की रचना, इतिहास और महत्व की पूरी जानकारी।

हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। तुलसीदास जी 16वीं शताब्दी के महान संत, कवी और रामभक्त थे। उन्होंने रामचरितमानस, कवितावली, विनयपत्रिका जैसी कई महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं। तुलसीदास जी का जीवन पूर्णतः भगवान श्रीराम और हनुमान जी की भक्ति को समर्पित रहा।
हनुमान चालीसा की रचना कब और कहाँ हुई?
मान्यता है कि तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना वाराणसी में की थी, जब वे कठिन समय और विपत्तियों से गुजर रहे थे। उन्होंने हनुमान जी से प्रार्थना कर अपनी समस्याओं को हल करने की शक्ति प्राप्त की। इस भक्ति से प्रेरित होकर उन्होंने यह दिव्य चालीसा लिखी।
हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयाँ क्यों हैं?
‘चालीसा’ शब्द चालीस से बना है, और इसमें कुल 40 चौपाइयाँ हैं। प्रत्येक चौपाई हनुमान जी की शक्ति, भक्ति, ज्ञान और उनके रामभक्त स्वरूप की महिमा को दर्शाती है।
हनुमान चालीसा का महत्व
- जीवन में भय, बाधा और नकारात्मकता दूर होती है
- मन में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है
- भगवान हनुमान की कृपा और सुरक्षा प्राप्त होती है
- साधक को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की सफलता मिलती है
भक्तों का मानना है कि प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से किसी भी प्रकार की बुरी शक्तियाँ पास नहीं आतीं और संकट कट जाते हैं।
निष्कर्ष
हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से यही है कि इस महान स्तोत्र को गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था। हनुमान जी की अपार भक्ति, शक्ति और उनके दयालु स्वरूप को समर्पित यह चालीसा आज भी करोड़ों भक्तों के जीवन का सहारा है। इसके पाठ से व्यक्ति को साहस, श्रद्धा, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए हर भक्त के मन में यह भावना रहती है कि हनुमान चालीसा न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला शक्तिशाली मार्गदर्शक भी है।
FAQ
Q1. हनुमान चालीसा किस भाषा में लिखी गई है?
A: हनुमान चालीसा अवधी भाषा में लिखी गई है।
Q2. हनुमान चालीसा में कुल कितनी चौपाइयाँ हैं?
A: इसमें कुल 40 चौपाइयाँ होती हैं।
Q3. हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
A: इसे सुबह और शाम करना श्रेष्ठ माना जाता है, पर इसे किसी भी समय श्रद्धा से पढ़ा जा सकता है।
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