Anjaneya Swamy Mantra | अंजनेय स्वामी मंत्र
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी को अंजनेरया स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। अंजना माता के पुत्र होने के कारण उन्हें अंजनेरया कहा जाता है, जो वानरों के राजकुमार और भगवान राम के परम भक्त हैं। अंजनेरया स्वामी मंत्र एक ऐसा शक्तिशाली जाप है, जो भक्तों को मानसिक शक्ति, शारीरिक बल और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
यह मंत्र न केवल दैनिक जीवन की बाधाओं को दूर करता है, बल्कि कार्य सिद्धि के लिए भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है। आज के तनावपूर्ण जीवन में, जहां लोग चिंताओं और बाधाओं से घिरे रहते हैं, Anjaneya Swamy Mantra का जाप एक रामबाण उपाय सिद्ध होता है। इस लेख में हम अंजनेरया स्वामी मंत्र के अर्थ, लाभ, जाप विधि और महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यदि आप भी जीवन में सफलता और शांति की कामना करते हैं, तो यह मंत्र आपके लिए अनमोल रत्न है।

Anjaneya Swamy Mantra की जड़ें रामायण की कथाओं में निहित हैं, जहां हनुमान जी ने अपनी अपार शक्ति से लंका दहन किया, संजीवनी बूटी लाई और भगवान राम की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। यह मंत्र उसी शक्ति का आह्वान करता है, जो भक्त को हर संकट से पार लगाता है। आधुनिक विज्ञान भी मंत्र जाप को ध्यान और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ता है, जो तनाव कम करने में सहायक होता है। अब आइए, इस मंत्र की गहराई में उतरें।
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Contents
Anjaneya Swamy Mantra क्या है ?
अंजनेरया स्वामी मंत्र, जिसे अंजनेरया कार्य सिद्धि मंत्र के नाम से भी जाना जाता है, संस्कृत भाषा में रचित एक प्राचीन स्तोत्र है। यह मंत्र भगवान हनुमान जी को संबोधित करता है और उनके कार्य सिद्धि के गुण की स्तुति करता है। पूरा मंत्र इस प्रकार है:
त्वमस्मिन कार्य निर्योगे प्रमाणं हरिसत्तमा। हनुमान यात्नमास्ताया दु:ख क्षय करोभाव॥
यह मंत्र सरल होते हुए भी अत्यंत गहन है। ‘अंजनेरया‘ शब्द हनुमान जी के जन्म का संकेत देता है, जबकि ‘स्वामी’ उनके स्वामित्व और संरक्षण की भावना को दर्शाता है। हिंदू शास्त्रों में मंत्रों को ध्वनि तरंगों के रूप में वर्णित किया गया है, जो ब्रह्मांड की ऊर्जा से जुड़ती हैं। Anjaneya Swamy Mantra का जाप करने से भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्त करता है, जो शिव अवतार माने जाते हैं।
यह मंत्र रामचरितमानस और अन्य पुराणों से प्रेरित है, जहां हनुमान जी को ‘राम दूत’ और ‘महावीर’ कहा गया है। आधुनिक संदर्भ में, यह मंत्र पेशेवरों, छात्रों और एथलीटों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह एकाग्रता और दृढ़ता प्रदान करता है।
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अंजनेरया स्वामी मंत्र का अर्थ
मंत्र का हिंदी अर्थ अत्यंत सरल और प्रेरणादायक है:
“हे वानरों में श्रेष्ठ हनुमान! आप इस कार्य को पूरा करने में सक्षम हैं। हे हनुमान! आप मेरे दुर्भाग्य को दूर करने वाले बनो।”
यहां ‘त्वमस्मिन कार्य निर्योगे प्रमाणं हरिसत्तमा’ का अर्थ है कि हनुमान जी हर कार्य की सिद्धि के प्रमाण हैं, जो हरि (विष्णु) के श्रेष्ठ भक्त हैं। दूसरी पंक्ति ‘हनुमान यात्नमास्ताया दु:ख क्षय करोभाव’ में प्रयास के साथ दुखों का नाश करने की प्रार्थना की गई है। यह मंत्र भक्त को याद दिलाता है कि सफलता प्रयास और भक्ति के संयोग से ही प्राप्त होती है।
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अंजनेरया स्वामी मंत्र के लाभ
अंजनेरया स्वामी मंत्र के जाप से अनगिनत लाभ प्राप्त होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर कार्य करते हैं। सबसे प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि: यह मंत्र समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक बल प्रदान करता है। एथलीट्स के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह सहनशक्ति और साहस बढ़ाता है।
- शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: मंत्र एक कवच की भांति कार्य करता है, जो शत्रुओं की हानिकारक क्रियाओं से बचाता है। नकारात्मक शक्तियों, भूत-प्रेत या बुरी नजर से मुक्ति मिलती है।
- भय और चिंता का नाश: नियमित जाप से भय, अवसाद और तनाव दूर होते हैं। यह अप्रत्याशित स्थितियों में साहस प्रदान करता है, जिससे निर्णय लेना आसान हो जाता है।
- कार्य सिद्धि और सफलता: कर्ज, विवाह संबंधी बाधाएं या कानूनी मामले जैसे रुके हुए कार्य पूरे होते हैं। रचनात्मकता और लक्ष्य स्पष्टता बढ़ती है, जिससे धन-समृद्धि आकर्षित होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: अवसाद, तनाव और शारीरिक रोगों में राहत मिलती है। यह समग्र कल्याण सुनिश्चित करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: भक्ति गहन होती है, और राम-हनुमान संबंध की समझ बढ़ती है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है।
ये लाभ केवल सच्ची भक्ति से ही प्राप्त होते हैं। कई भक्तों ने अनुभव साझा किया है कि इस मंत्र के जाप से उनके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन आए। उदाहरणस्वरूप, एक व्यावसायी ने कर्ज से मुक्ति पाई, जबकि एक छात्र ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
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अंजनेरया स्वामी मंत्र की जाप विधि
अंजनेरया स्वामी मंत्र का जाप सरल लेकिन विधिपूर्ण होना चाहिए। निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- उपयुक्त समय और दिन: शनिवार सबसे उत्तम दिन है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागें, स्नान करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: ताजे फूल, धूप, जल का पात्र, कुमकुम और प्रसाद (गुड़, चने, नारियल, इमरती) तैयार रखें।
- जाप की प्रक्रिया: मन को शांत रखें। आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें। 7, 9, 51, 108 या 1008 बार जाप करें। उच्चारण स्पष्ट रखें; यदि कठिनाई हो तो बुजुर्गों से सहायता लें। जाप के दौरान मंत्र की ध्वनि सुनें, न कि जोर से बोलें।
- समापन: जाप समाप्ति पर हनुमान चालीसा का पाठ करें और प्रसाद अर्पित करें।
नियमितता महत्वपूर्ण है; कम से कम 40 दिनों तक जाप करें। ध्यान रखें, जाप के दौरान विक्षेप न आने दें।
अंजनेरया स्वामी मंत्र का महत्व और संबंधित कथाएं
हनुमान जी की कथाएं इस मंत्र को और अधिक प्रासंगिक बनाती हैं। रामायण में, जब हनुमान जी लंका गए, तो उन्होंने ‘राम नाम’ का जाप कर अपनी शक्ति प्राप्त की। इसी प्रकार, अंजनेरया स्वामी मंत्र भक्त को ‘कार्य सिद्धि’ प्रदान करता है। एक कथा के अनुसार, एक भक्त ने इस मंत्र के जाप से युद्ध में विजय प्राप्त की।
आधुनिक समय में, यह मंत्र योग और ध्यान सत्रों में शामिल किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमान जी की भक्ति से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष प्राप्ति होती है।
सावधानियां
- मन शांत और एकाग्र रखें।
- गलत उच्चारण से बचें।
- नियमितता बनाए रखें।
- जाप के दौरान नशा या अशुद्ध भोजन से दूर रहें।
निष्कर्ष
अंजनेरया स्वामी मंत्र Anjaneya Swamy Mantra जीवन का एक शक्तिशाली साधन है, जो भक्ति और प्रयास के माध्यम से सफलता दिलाता है। इस मंत्र का जाप करने से न केवल बाहरी बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि आंतरिक शांति भी प्राप्त होती है। आज ही इस मंत्र को अपने जीवन में अपनाएं और हनुमान जी की कृपा पाएं। जय श्री राम! जय हनुमान!