हनुमान जी की जन्म कथा: पवनपुत्र हनुमान का दिव्य जन्म और चमत्कारिक शक्तियाँ
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी शक्ति, भक्ति और साहस के प्रतीक माने जाते हैं। वे भगवान श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त और रामायण के सबसे महत्वपूर्ण पात्र हैं। भक्त हनुमान जी का नाम लेते ही भय दूर हो जाता है और हृदय में उत्साह का संचार होता है। हर मंगलवार और शनिवार को करोड़ों भक्त उनका पूजन करते हैं।
हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ? उन्हें पवनपुत्र क्यों कहा जाता है? और उनकी अद्भुत शक्तियों का रहस्य क्या है? इन्हीं सब बातों को विस्तार से समझने के लिए यह लेख तैयार किया गया है जिससे आपको पूरी जानकारी सरल भाषा में मिल सके। हनुमान जी की जन्म कथा न सिर्फ धार्मिक श्रद्धा से भरी है बल्कि यह प्रेरणादायक और साहस से युक्त एक अद्भुत कहानी है। आइए जानें अंजना और केसरी के घर जन्मे इस दिव्य वीर की पौराणिक जन्म गाथा — छोटे-छोटे पैराग्राफ में विस्तारपूर्वक।

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हनुमान जी की जन्म कथा: पवनपुत्र हनुमान का दिव्य जन्म और चमत्कारिक शक्तियाँ
हनुमान जी की माता अंजना स्वर्ग की एक अप्सरा थीं जिन्हें श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा। पृथ्वी पर आकर उन्होंने वानर राज केसरी से विवाह किया। दोनों पति-पत्नी को एक तेजस्वी पुत्र की आकांक्षा थी, इसलिए उन्होंने पर्वतों और जंगलों में कठोर तपस्या की, ताकि उन्हें ईश्वर का दिव्य आशीर्वाद मिल सके।
अंजना की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे स्वयं शिव के अंश से जन्मे एक महान और बलवान पुत्र को जन्म देंगी। इसलिए हनुमान जी को शिव का रुद्रावतार भी कहा जाता है। भगवान शिव ने पवन देव को आदेश दिया कि वे इस दिव्य प्रसंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
कहा जाता है कि उसी समय अयोध्या में राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कर रहे थे। उनके यज्ञ का एक दिव्य खीर प्रसाद पवन देव ने अंजना के हाथों तक पहुँचाया। उस प्रसाद के प्रभाव से अंजना गर्भवती हुईं। इसी कारण हनुमान जी को पवनपुत्र, वायुपुत्र और मरुतिनंदन कहा जाता है। देवताओं ने भविष्य की रक्षा का संकेत देते हुए उनके जन्म पर पुष्पवर्षा भी की।
जन्म के बाद बाल हनुमान अत्यंत चंचल और अपार शक्ति से भरपूर थे। एक बार उन्होंने चमकते हुए सूर्य को फल समझकर निगल लिया, जिससे पूरा संसार अंधकारमय हो गया। देवताओं को बचाने के लिए इंद्र ने वज्र से प्रहार किया, जिससे उनकी ठोड़ी पर चोट लगी और उन्हें “हनुमान” नाम प्राप्त हुआ —
हनु = ठोड़ी, मान = मान/प्रतिष्ठा
देवताओं के वरदान और शक्ति का रहस्
इंद्र को अपनी भूल का एहसास होने पर सभी देवताओं ने हनुमान जी को असाधारण शक्तियाँ प्रदान कीं—
- अजर-अमर होने का वरदान
- किसी भी रूप में बदलने की शक्ति
- पर्वतों को उठाने का सामर्थ्य
- उड़ने की क्षमता
- दुष्टों का नाश करने की शक्ति
बचपन में वे अपनी शक्तियों के कारण ऋषियों को परेशान कर देते थे, इसलिए एक ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि जब तक कोई याद न दिलाए, वे अपनी शक्ति पहचान नहीं पाएंगे। यही कारण था कि जाम्बवन्त ने लंका जाने से पहले उन्हें उनकी शक्तियों का स्मरण कराया।
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क्यों मनाया जाता है हनुमान जयंती?
हनुमान जी के जन्म दिवस को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग तिथि पर मनाने की परंपरा है, लेकिन चैत्र महीने के पूर्णिमा या मंगलवार/शनिवार को प्रमुखता से उत्सव मनाया जाता है।
हनुमान जी की पूजा से प्राप्त होने वाले लाभ
| लाभ | विवरण |
|---|---|
| भय और बाधाओं का नाश | “संकट मोचन” हनुमान तुरंत संकट दूर करते हैं |
| स्वास्थ्य लाभ | हनुमान बाहुक, बजरंग बाण से रोग दूर होते हैं |
| शत्रु भय से मुक्ति | विशेषतः शनिवार- मंगलवार के उपाय |
| आत्मविश्वास में वृद्धि | वीरता, साहस और मनोबल प्रदान करते हैं |
| ग्रह दोष से मुक्ति | विशेषकर शनि और मंगल संबंधी दोष |
हनुमान जी के लोकप्रिय मंत्र/पाठ
- हनुमान चालीसा
- बजरंग बाण
- संकटमोचन स्त्रोत
- हनुमान बाहुक
- हनुमान कवच
इनका पाठ करने से जीवन में सुरक्षा और सफलता प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
हनुमान जी की जन्म कथा हमें यह संदेश देती है कि जो भी व्यक्ति सत्य, निष्ठा और भक्ति के मार्ग पर चलता है वह सबसे महान बन जाता है। पवनपुत्र हनुमान न सिर्फ शक्ति के देवता हैं बल्कि विनम्रता और समर्पण के भी प्रतीक हैं। उनकी कथा पढ़कर मन में उत्साह, साहस और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए हर भक्त के जीवन में हनुमान जी का नाम होना अत्यंत शुभ माना जाता है।
जय बजरंगबली! जय श्रीराम!
FAQ – हनुमान जी से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. हनुमान जी किसके पुत्र हैं?
अंजना और केसरी के पुत्र हैं, तथा पवन देव उनके आध्यात्मिक पिता माने जाते हैं।
Q2. हनुमान जी का जन्म किसका अवतार है?
वे भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं।
Q3. हनुमान जी को पवनपुत्र क्यों कहा जाता है?
क्योंकि पवन देव ने ही उन्हें दिव्य शक्ति देकर जन्म दिलाया।
Q4. हनुमान जी कब जन्मे थे?
चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है।
Q5. हनुमान जी की पूजा से क्या लाभ होते हैं?
भय, रोग, शत्रु और संकट से मुक्ति मिलती है और साहस व शक्ति बढ़ती है।
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