Sankat Mochan Ashtak Lyrics | संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स

संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स एक अत्यंत प्रसिद्ध और शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों के जीवन से सभी संकट, भय और दुखों को दूर करता है। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था, जिन्होंने हनुमान जी की भक्ति को सरल शब्दों में व्यक्त किया। इस अष्टक का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में साहस, भक्ति और सफलता का संचार होता है।
हनुमान जी को “संकटमोचन” कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के हर संकट का निवारण करते हैं। “संकटमोचन हनुमान अष्टक” का पाठ मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह अष्टक न केवल मन को शांति देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास भी भरता है।
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Contents
- 1 Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics in Hindi | संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स
- 1.1 || संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स ||
- 1.2 🌿Sankat Mochan Hanuman Ashtak English Meaning (Short Summary):
- 1.3 🎵 Watch on YouTube Sankat Mochan Ashtak Lyrics:
- 1.4 संकटमोचन हनुमान अष्टक का अर्थ और महत्व (Meaning & Importance):
- 1.5 संकटमोचन हनुमान अष्टक कब और कैसे पढ़ें (When & How to Recite):
- 1.6 संकटमोचन हनुमान अष्टक के रचयिता (Author):
- 1.7 आध्यात्मिक लाभ (Spiritual Benefits):
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics in Hindi | संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स
संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स पढ़ें Sankat Mochan Ashtak Lyrics – तुलसीदास जी द्वारा रचित यह शक्तिशाली अष्टक भक्तों के जीवन से सभी संकटों को दूर करता है। मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है।
|| संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स ||
बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयौ अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो॥
देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥१॥
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहत नासहु मोक्ष निहारो॥
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥२॥
अंगद के संग लै गय सिय खोजन, सागर पार सुभीति उभारो।
जेहि सों सुग्रीव भये पति राजा, तिन्ह सों काज सुवारि सवारो॥
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥३॥
लंका जारि असुर संहारि सिया, रावण दहन सब काम संवारे।
लक्ष्मण मुर्छित पडे सकारे, आनि संजीवनि प्राण उबारो॥
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥४॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥५॥
संकट ते हनुमान छुड़ावैं, मन क्रम वचन ध्यान जो लावैं।
सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई बिनु लावे, सोई अमित जीवन फल पावै॥
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥६॥
🌿Sankat Mochan Hanuman Ashtak English Meaning (Short Summary):
This Ashtak glorifies Lord Hanuman’s bravery, wisdom, and devotion to Lord Rama. It recounts his heroic acts — eating the sun, defeating demons, crossing the ocean, and reviving Lakshman. Chanting it removes fears, diseases, and obstacles from one’s life.
🎵 Watch on YouTube Sankat Mochan Ashtak Lyrics:
संकटमोचन हनुमान अष्टक का अर्थ और महत्व (Meaning & Importance):
“संकटमोचन” शब्द का अर्थ है — जो सभी संकटों का नाश करता है।
हनुमान जी को संकटमोचन इसलिए कहा गया है क्योंकि उन्होंने न केवल अपने प्रभु श्रीराम के कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर किया, बल्कि अपने भक्तों के जीवन से भी सभी कठिनाइयों को समाप्त किया।
मुख्य महत्व:
- इस अष्टक का पाठ करने से भय, रोग, और दुखों का नाश होता है।
- हनुमान जी की कृपा, साहस और आत्मबल प्राप्त होता है।
- यह जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- हनुमान जी की भक्ति से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
संकटमोचन हनुमान अष्टक कब और कैसे पढ़ें (When & How to Recite):
- सर्वश्रेष्ठ दिन: मंगलवार और शनिवार
- समय: सुबह सूर्योदय के बाद या शाम सूर्यास्त के समय
- स्थान: हनुमान मंदिर या घर के पूजा स्थल में
- विधि:
- स्नान कर के साफ वस्त्र धारण करें
- हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं
- फिर “जय हनुमान ज्ञान गुण सागर…” से प्रारंभ कर “संकटमोचन हनुमान अष्टक” का पाठ करें
संकटमोचन हनुमान अष्टक के रचयिता (Author):
इस अष्टक के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं, जिन्होंने “रामचरितमानस” और कई अन्य भक्ति ग्रंथों की रचना की। उन्होंने इसे हनुमान जी के अनंत गुणों की स्तुति में लिखा था ताकि भक्त हनुमान जी की शरण लेकर अपने जीवन के संकटों से मुक्ति पा सकें।
आध्यात्मिक लाभ (Spiritual Benefits):
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- नकारात्मक विचारों और भय से मुक्ति मिलती है।
- कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- हनुमान जी की कृपा से जीवन में स्थिरता और भक्ति आती है।
Conclusion :
“संकटमोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स” का पाठ करने से जीवन में आने वाले हर संकट दूर हो जाते हैं और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। यह अष्टक श्रद्धा और विश्वास से पढ़ने पर मन को स्थिरता, आत्मबल और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। जो भक्त इसे सच्चे मन से गाते हैं, उन्हें हनुमान जी सदैव संकटों से रक्षा करते हैं।
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