Hanuman Amritwani Lyrics in Hindi || हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स
हनुमान अमृतवाणी (Hanuman Amritwani) भगवान हनुमान जी की महिमा का गुणगान करने वाला एक अत्यंत पवित्र और लोकप्रिय भजन है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ सुनने या गाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और भक्ति की भावना उत्पन्न होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति हनुमान अमृतवाणी का पाठ करता है, उसके सभी दुख, भय और संकट दूर हो जाते हैं।
हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स में हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और श्रीराम के प्रति उनकी असीम निष्ठा का वर्णन किया गया है। यह भजन न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि यह मन, बुद्धि और आत्मा को भी शुद्ध करता है। भक्तजन मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमान अमृतवाणी का पाठ करते हैं, जिससे जीवन में शांति, सफलता और बल की प्राप्ति होती है।
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Hanuman Amritwani Lyrics in Hindi || हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स.

Hanuman Amritwani Lyrics in Hindi (हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स) – पढ़ें और सुनें श्री हनुमान जी की अमृतवाणी, जो सभी दुख, भय और बाधाओं को दूर करती है। यह शक्तिशाली भजन भक्ति, साहस और शांति प्रदान करता है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान अमृतवाणी का पाठ विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
🔱 हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स 🔱
[संगीत]
भक्तराज हनुमान का सुमिरन है सुख का
जीवन नौका को करे भव सिंधु से पार ||
संकट मोचन नाथ को सौंप दे अपनी डोर
छटे कीी दुखों को पल में छाई घटा घनघोर ||
जब कष्टों के दत को लगेगा बजरंग बाण
होगी तेरी हर मुश्किल घड़ियों में आसान ||
महा दयालु हनुमत का जप ले मनवाना
काया निर्मल हो जाएगी बनेंगे बिगड़े काम ||
जय जय जय हनुमान जय हो दया निधान
कप की करुणा से मन की हर दुविधा हर जाए ||
दया की दृष्टि होते ही पत्थर भी तर जाए
कल्पतरु हनुमंत से भक्ति का फल मांग ||
एक हो भीतर बाहर से छोड़ रचाने स्वांग
किसकी कैसी मनोदशा जानत है बजरंग ||
क्यों तू गिरगी तरह रोज बदलता रंग
कांटे बोकर हर जगह ढूंढ रहा तू फूल ||
घट घट की वो जानता क्यों गया रे तू भूल
जय जय जय हनुमान जय हो दया निधान ||
करुणामई कपिराज को धोखा तू मत दे
हर छलिया को वो छले जब वो खेल करे हम है खिलौने माटी के ||
हमारी क्या औकात तोड़ रखे ये उसकी मर्जी की है बात
साधक बन हनुमंत ने जिस विधि पायो राम ||
बहुत नहीं तो थोड़ा ही तू कर वैसा काम
बैठ किनारे सागर के की मुद अन की आस ||
डूबने से मन डरता रे कच्चा तेरा विश्वास
जय जय जय हनुमान जय हो दया निधान ||
सुख सागर महावीर से सुख की याचना कर
दुख भी उसी का खेल है दुखों से ना डर ||
बिना जले ना भट्टी में सोना कुंदन हो
आजच जरा सी लगते ही क्यों तू मानव रो ||
भक्ति कर हनुमान की यही है मर्ग ठीक
मंजिल पानी है अगर संकट सहना सीख ||
बुरे कर्म तो लाख है भला कियो ना एक
फिर कहता हनुमंत से मुझे दया से दे ||
जय जय जय हनुमान
जय हो दया निधान ||
जय जय जय हनुमान
जय हो दया निधान ||
जय जय जय हनुमान
जय हो दया निधान ||
श्री हनुमान अमृतवाणी : Shree Hanuman Amritwani
हनुमान अमृतवाणी की जानकारी || Hanuman Amritwani Ki Jankari
हनुमान अमृतवाणी एक प्रसिद्ध और अत्यंत शक्तिशाली हनुमान भजन है, जिसमें भगवान हनुमान जी की महिमा, भक्ति, बल, ज्ञान और श्रीराम के प्रति उनकी निष्ठा का वर्णन किया गया है। यह भजन संत तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा की तरह ही भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
हनुमान अमृतवाणी का पाठ करने से भक्त के जीवन से सभी संकट, भय, रोग और दुख दूर हो जाते हैं। यह भजन मन को शांति और आत्मा को बल प्रदान करता है।
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हनुमान अमृतवाणी का उद्देश्य :
हनुमान अमृतवाणी का मुख्य उद्देश्य भगवान हनुमान जी की आराधना कर उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और शक्ति प्राप्त करना है। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति से इसका पाठ करते हैं, उनके जीवन में साहस, आत्मविश्वास और भक्ति की वृद्धि होती है।
हनुमान अमृतवाणी कब पढ़ें ?
हनुमान अमृतवाणी का पाठ करने के लिए मंगलवार और शनिवार सबसे शुभ माने गए हैं। इन दिनों सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, दीपक जलाकर और श्री हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर पाठ करना उत्तम रहता है।
निष्कर्ष :
Hanuman Amritwani Lyrics in Hindi (हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स) हनुमान अमृतवाणी केवल एक भजन नहीं, बल्कि यह भक्ति, साहस और विश्वास का दिव्य स्रोत है। जो भक्त सच्चे मन से हनुमान अमृतवाणी का पाठ करते हैं, उनके जीवन से सभी बाधाएं, भय और नकारात्मकता दूर हो जाती हैं। यह भजन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने और जीवन में शांति, शक्ति और सफलता लाने का सर्वोत्तम माध्यम है। मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।