Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi | हिंदी में श्री हनुमान चालीसा
Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi :- The great poet Tulsidas ji wrote Hanuman Chalisa. He was also a great devotee of Lord Rama and believed in Hanuman ji a lot. It has 40 verses due to which it is called Chalisa. If anyone recites it, then it is called Chalisa text.
Since childhood, we have been taught that if the mind feels disturbed or is afraid of something, then read Hanuman Chalisa. By doing this the mind becomes calm and there is no fear either. Hanuman Chalisa has great significance in Hinduism. By reading Hanuman Chalisa, the effect of Shani planet and half sati is less.
Hanuman ji has become the ultimate devotee of Ram ji. There is service-bhakti like Hanuman ji in every person. Hanuman Chalisa is one such work, which through Hanuman ji makes a person aware of the qualities present in him.
By reciting it and contemplating it, the intellect becomes strong. By reciting Hanuman-Chalisa, one can assess his own power, devotion and duties. The importance of hanuman chalisa lyrics in hindi uism is very high. Let’s know about the special importance of Hanuman Chalisa:
The essence of Lord Hanuman’s life is hidden in Hanuman Chalisa, which gives inspiration in life by reading it. This is not just the thoughts of Tulsidas ji, but his unwavering belief. Due to this belief, Aurangzeb had taken him captive. While sitting there, he wrote Hanuman Chalisa.
It is said that reciting Hanuman Chalisa in case of fear, fear, distress or calamity removes all the troubles. And if a person is in trouble with Shani, then Hanuman Chalisa should be recited by that person. This brings peace in his life. If a person is troubled by evil forces, then reciting Hanuman Chalisa gives him relief.
And you feel guilty for some offense and want to apologize, then recite Chalisa. Like Lord Ganesha, Hanuman ji also removes the troubles. In such a situation, reciting Hanuman Chalisa also gives benefits. This will benefit you a lot and if you have missed reading shani chalisa lyrics in Hindi till now,
then you can read shani chalisa lyrics in Hindi by visiting our website, I have given the link of shani chalisa lyrics in Hindi here. You can read shani chalisa lyrics in Hindi by opening it, I have given all the information. so let’s go to Hanuman Chalisa Lyrics and
Read also – Hanuman Chalisa Lyrics In Telugu | హనుమాన్ చాలీసా
Hanuman Chalisa Lyrics All Language –
Now we are going to share you Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi and English Tamil and Telugu Languages. You can open and read the lyrics of Hanuman Chalisa from here
꧁༒☬ दोहा☬༒꧂ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। “श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।” बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। “हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।” ⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑★✪ ✪ ✪✪ ✪✪★⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑ |
꧁༒☬ चौपाई ☬༒꧂ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।1। “श्री हनुमान जी!आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।” रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।2। “हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।” महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।3। “हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।” कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।4। “आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।” हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।5। “आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।” संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।6। “हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।” विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।7। “आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।” प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।8। “आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है।श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।” सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।9। “आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।” भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।10। “आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।” लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।11। “आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।” रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।12। “श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।” सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।13। “श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।” सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।14। “श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।” जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।15। “यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।” तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।16। “आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया , जिसके कारण वे राजा बने।” तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।17। “आपके उपदेश का विभीषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।” जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।18। “जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे।दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।” प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।19। “आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।” दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।20। “संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।” राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।21। “श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।” सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।22। “जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।” आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।23। “आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।” भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।24। “जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।” नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।25। “वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है, और सब पीड़ा मिट जाती है।” संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।26। “हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।” सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।27। “तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।” और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।28। “जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।” चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।29। “चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।” साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।30। “हे श्री राम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।” अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।31। “आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।” राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।32। “आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।” तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।33। “आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।” अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।34। “अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।” और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।35। “हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।” संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।36। “हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।” जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।37। “हे स्वामी हनुमान जी!आपकी जय हो, जय हो, जय हो!आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।” जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।38। “जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।” जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।39। “भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।” तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।40। “हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।” ⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑★✪ ✪ ✪✪ ✪✪★⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑ |
꧁༒☬दोहा☬༒꧂ पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। “हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरूप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।” ⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑★✪ ✪ ✪✪ ✪✪★⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑⭑ |
Hanuman Chalisa Doha : – Shriguru charan saroja-raj Nija manu mukura sudhaari Baranau rahubhara bimala jasu Jodayaka phala chari Budhee-heen thanu janike Sumirow pavana kumara Bala-budhee vidya dehoo mohee Harahu kale shabikaara |
Chaupai – Jai Hanuman gyan gun sagar Jai Kapis tihun lok ujagar Ram doot atulit bal dhama Anjani putra Pavan sut nama Mahabir vikram Bajrangi Kumati nivar sumati Ke sangi Kanchan varan viraj subesa Kanan Kundal Kunchit Kesha Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje Kaandhe moonj janeu saaje Sankar suvan kesri Nandan Tej prataap maha jag vandan Vidyavaan guni ati chatur Ram kaj karibe ko aatur Prabhu charitra sunibe ko rasiya Ram Lakhan Sita man Basiya Sukshma roop dhari Siyahi dikhava Vikat roop dhari lank jalava Bhim roop dhari asur sanhare Ramachandra ke kaj sanvare Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye Shri Raghuvir Harashi ur laye Raghupati Kinhi bahut badai Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai Sahas badan tumharo yash gaave As kahi Shripati kanth lagaave Sankadhik Brahmaadi Muneesa Narad Sarad sahit Aheesa Yam Kuber Dikpaal Jahan te Kavi kovid kahi sake kahan te Tum upkar Sugreevahin keenha Ram milaye rajpad deenha Tumhro mantra Vibheeshan maana Lankeshwar Bhaye Sab jag jana Yug sahasra yojan par Bhanu Leelyo tahi madhur phal janu Prabhu mudrika meli mukh mahee Jaladhi langhi gaye achraj nahee Durgam kaj jagat ke jete Sugam anugraha tumhre tete Ram duwaare tum rakhvare Hot na agya binu paisare Sab sukh lahai tumhari sarna Tum rakshak kahu ko darna Aapan tej samharo aapai Teenon lok hank te kanpai Bhoot pisaach Nikat nahin aavai Mahavir jab naam sunavai Nase rog harae sab peera Japat nirantar Hanumat beera Sankat se Hanuman chhudavai Man Kram Vachan dhyan jo lavai Sab par Ram tapasvee raja Tin ke kaj sakal Tum saja Aur manorath jo koi lavai Soi amit jeevan phal pavai Charon jug partap tumhara Hai parsiddh jagat ujiyara Sadhu Sant ke tum Rakhware Asur nikandan Ram dulare Ashta siddhi nav nidhi ke data As var deen Janki mata Ram rasayan tumhare pasa Sada raho Raghupati ke dasa Tumhare bhajan Ram ko pavai Janam janam ke dukh bisraavai Antkaal Raghuvar pur jayee Jahan janam Hari Bhakt Kahayee Aur Devta Chitt na dharahin Hanumat sei sarv sukh karahin Sankat kate mite sab peera Jo sumirai Hanumat Balbeera Jai Jai Jai Hanuman Gosain Kripa Karahun Gurudev ki nayin Jo shat bar path kare koi Chhutahin bandi maha sukh hoi Jo yeh padhe Hanuman Chalisa Hoye siddhi saakhi Gaureesa Tulsidas sada hari chera Keejai Nath Hriday mahn dera. |
Doha – Pavan Tanay Sankat Harana Mangala Murati Roop Ram Lakhan Sita Sahita Hriday Basahu Soor Bhoop. |
By reading Hanuman Chalisa, the mind becomes calm, the tension becomes free.
Read Hanuman Chalisa text for safe travel. There is benefit from this and there is no fear.
In case of any kind of desire, reciting the Chalisa of Lord Hanuman is beneficial.
Reading of Hanuman Chalisa gives divine power. This gives relief.
Hanuman ji is the god of intelligence and strength. By reciting them you get both of these.
By reciting Hanuman Chalisa, the mind of a crooked person becomes good too.
By reciting Hanuman Chalisa, the spirit of unity develops.
By reciting Hanuman Chalisa, negative feelings are removed and positivity comes in the mind.
Drive away evil spirits: Hanuman ji was extremely powerful and was not afraid of anyone. Hanuman ji is considered to be a god and he destroys every evil spirits and gives freedom to the people from them. Those who feel scared at night or have scary thoughts keep coming in their mind, they should recite Hanuman Chalisa daily.
By reciting Hanuman Chalisa, you can please Shani Dev and you can be successful in reducing the effect of half-century. According to the story, Hanuman ji had saved the life of Shani Dev, and then Shani Dev happily said that he would not do any harm to any Hanuman devotee from today onwards.
Sometimes we make mistakes consciously or unconsciously. But you can ask for his apology by reading the Hanuman Chalisa. By reciting Hanuman Chalisa 8 times at night, you can be free from all kinds of sin.
Whoever reads Hanuman Chalisa Lyrics Hindi And Hanuman Chalisa Lyrics English in the night, Hanuman ji himself will come and provide protection.
-: தோஹா :-
ஶ்ரீ குரு சரண ஸரோஜ ரஜ னிஜமன முகுர ஸுதாரி |
வரணௌ ரகுவர விமலயஶ ஜோ தாயக பலசாரி ||
புத்திஹீன தனுஜானிகை ஸுமிரௌ பவன குமார |
பல புத்தி வித்யா தேஹு மோஹி ஹரஹு கலேஶ விகார் ||
-: சௌபாஈ :-
ஜய ஹனுமான ஜ்ஞான குண ஸாகர |
ஜய கபீஶ திஹு லோக உஜாகர ||
ராமதூத அதுலித பலதாமா |
அம்ஜனி புத்ர பவனஸுத னாமா || 1
மஹாவீர விக்ரம பஜரங்கீ |
குமதி னிவார ஸுமதி கே ஸங்கீ ||
கம்சன வரண விராஜ ஸுவேஶா |
கானன கும்டல கும்சித கேஶா || 2
ஹாதவஜ்ர ஔ த்வஜா விராஜை |
காம்தே மூம்ஜ ஜனேவூ ஸாஜை ||
ஶம்கர ஸுவன கேஸரீ னன்தன |
தேஜ ப்ரதாப மஹாஜக வன்தன || 3
வித்யாவான குணீ அதி சாதுர |
ராம காஜ கரிவே கோ ஆதுர ||
ப்ரபு சரித்ர ஸுனிவே கோ ரஸியா |
ராமலகன ஸீதா மன பஸியா || 4
ஸூக்ஷ்ம ரூபதரி ஸியஹி திகாவா |
விகட ரூபதரி லம்க ஜராவா ||
பீம ரூபதரி அஸுர ஸம்ஹாரே |
ராமசம்த்ர கே காஜ ஸம்வாரே || 5
லாய ஸம்ஜீவன லகன ஜியாயே |
ஶ்ரீ ரகுவீர ஹரஷி உரலாயே ||
ரகுபதி கீன்ஹீ பஹுத படாயீ |
தும மம ப்ரிய பரதஹி ஸம பாயீ ||6
ஸஹஸ வதன தும்ஹரோ யஶகாவை |
அஸ கஹி ஶ்ரீபதி கண்ட லகாவை ||
ஸனகாதிக ப்ரஹ்மாதி முனீஶா |
னாரத ஶாரத ஸஹித அஹீஶா || 7
யம குபேர திகபால ஜஹாம் தே |
கவி கோவித கஹி ஸகே கஹாம் தே ||
தும உபகார ஸுக்ரீவஹி கீன்ஹா |
ராம மிலாய ராஜபத தீன்ஹா || 8
தும்ஹரோ மன்த்ர விபீஷண மானா |
லம்கேஶ்வர பயே ஸப ஜக ஜானா ||
யுக ஸஹஸ்ர யோஜன பர பானூ |
லீல்யோ தாஹி மதுர பல ஜானூ || 9
ப்ரபு முத்ரிகா மேலி முக மாஹீ |
ஜலதி லாம்கி கயே அசரஜ னாஹீ ||
துர்கம காஜ ஜகத கே ஜேதே |
ஸுகம அனுக்ரஹ தும்ஹரே தேதே ||10
ராம துஆரே தும ரகவாரே |
ஹோத ன ஆஜ்ஞா பினு பைஸாரே ||
ஸப ஸுக லஹை தும்ஹாரீ ஶரணா |
தும ரக்ஷக காஹூ கோ டர னா || 11
ஆபன தேஜ துமஹாரோ ஆபை |
தீனோம் லோக ஹாம்க தே காம்பை ||
பூத பிஶாச னிகட னஹி ஆவை |
மஹவீர ஜப னாம ஸுனாவை || 12
னாஸை ரோக ஹரை ஸப பீரா |
ஜபத னிரம்தர ஹனுமத வீரா ||
ஸம்கட ஸேம் ஹனுமான சுடாவை |
மன க்ரம வசன த்யான ஜோ லாவை || 13
ஸப பர ராம தபஸ்வீ ராஜா |
தினகே காஜ ஸகல தும ஸாஜா ||
ஔர மனோரத ஜோ கோயி லாவை |
தாஸு அமித ஜீவன பல பாவை || 14
சாரோ யுக பரிதாப தும்ஹாரா |
ஹை பரஸித்த ஜகத உஜியாரா ||
ஸாது ஸன்த கே தும ரகவாரே |
அஸுர னிகன்தன ராம துலாரே || 15
அஷ்டஸித்தி னவ னிதி கே தாதா |
அஸ வர தீன்ஹ ஜானகீ மாதா ||
ராம ரஸாயன தும்ஹாரே பாஸா |
ஸாத ரஹோ ரகுபதி கே தாஸா ||16
தும்ஹரே பஜன ராமகோ பாவை |
ஜன்ம ஜன்ம கே துக பிஸராவை ||
அம்த கால ரகுவர புரஜாயீ |
ஜஹாம் ஜன்ம ஹரிபக்த கஹாயீ || 17
ஔர தேவதா சித்த ன தரயீ |
ஹனுமத ஸேயி ஸர்வ ஸுக கரயீ ||
ஸம்கட கடை மிடை ஸப பீரா |
ஜோ ஸுமிரை ஹனுமத பல வீரா || 18
ஜை ஜை ஜை ஹனுமான கோஸாயீ |
க்றுபா கரோ குருதேவ கீ னாயீ ||
ஜோ ஶத வார பாட கர கோயீ |
சூடஹி பன்தி மஹா ஸுக ஹோயீ || 19
ஜோ யஹ படை ஹனுமான சாலீஸா |
ஹோய ஸித்தி ஸாகீ கௌரீஶா ||
துலஸீதாஸ ஸதா ஹரி சேரா |
கீஜை னாத ஹ்றுதய மஹ டேரா || 20
-: தோஹா :-
பவன தனய ஸங்கட ஹரண – மங்கள மூரதி ரூப் |
ராம லகன ஸீதா ஸஹித – ஹ்றுதய பஸஹு ஸுரபூப் ||
ஸியாவர ராமசன்த்ரகீ ஜய | பவனஸுத ஹனுமானகீ ஜய | போலோ பாயீ ஸப ஸன்தனகீ ஜய |
|| ದೋಹಾ ||
ಶ್ರೀ ಗುರು ಚರಣ್ ಸರೋಜ್ ರಾಜ್, ನಿಜ್ ಮನು ಮುಕುರು ಸುಧಾರಿ |
ಬರ್ನೌನ್ ರಘುಬರ್ ಬಿಮಲ್ ಜಾಸು, ಇದು ಡೈಕು ಹಣ್ಣು ಚಾರಿ ||
ಬುದ್ದಿಹೀನ ತನು ಜಾನಿಕೆ, ಸುಮಿರೌ ಪವನ್-ಕುಮಾರ್ |
ಬಲ ಬುದ್ಧಿಶಕ್ತಿ, ಬಿದ್ಯಾ ದೇಹು ಮೋಹಿನ್, ಹರಾಹು ಕಲೆಶ್ ವಿಕಾರ್ ||
।। ಚೌಪಾಈ ।।
ಜಯ ಹನುಮಾನ ಜ್ಞಾನ ಗುಣ ಸಾಗರ |
ಜಯ ಕಪೀಶ ತಿಹು ಲೋಕ ಉಜಾಗರ || 1
ರಾಮದೂತ ಅತುಲಿತ ಬಲಧಾಮಾ |
ಅಂಜನಿ ಪುತ್ರ ಪವನಸುತ ನಾಮಾ || 2
ಮಹಾವೀರ ವಿಕ್ರಮ ಬಜರಂಗೀ |
ಕುಮತಿ ನಿವಾರ ಸುಮತಿ ಕೇ ಸಂಗೀ || 3
ಕಾಂಚನ್ ವರಣ ವಿರಾಜ ಸುವೇಶಾ |
ಕಾನನ ಕುಂಡಲ ಕುಂಚಿತ ಕೇಶಾ || 4
ಹಾಥವಜ್ರ ಔ ಧ್ವಾಜಾ ವಿರಾಜೈ |
ಕಾಂಥೇ ಮೂಂಜ ಜನೇವೂ ಸಾಜೈ || 5
ಶಂಕರ ಸುವನ್ ಕೇಸರಿನಂದನ್ |
ತೇಜ್ ಪ್ರತಾಪ್ ಮಹಾ ಜಗ್ ಬಂದನ್ || 6
ವಿದ್ಯಾವಾನ ಗುಣೀ ಅತಿ ಚಾತುರ |
ರಾಮ ಕಾಜ ಕರಿವೇ ಕೋ ಆತುರ || 7
ಪ್ರಭು ಚರಿತ್ರ ಸುನಿವೇ ಕೋ ರಸಿಯಾ |
ರಾಮಲಖನ ಸೀತಾ ಮನ ಬಸಿಯಾ || 8
ಸೂಕ್ಷ್ಮ ರೂಪಧರಿ ಸಿಯಹಿ ದಿಖಾವಾ |
ವಿಕಟ ರೂಪಧರಿ ಲಂಕ ಜರಾವಾ || 9
ಭೀಮ ರೂಪಧರಿ ಅಸುರ ಸಂಹಾರೇ |
ರಾಮಚಂದ್ರ ಕೇ ಕಾಜ ಸಂವಾರೇ|| 10
ಲಾಯ ಸಂಜೀವನ ಲಖನ ಜಿಯಾಯೇ |
ಶ್ರೀ ರಘುವೀರ ಹರಷಿ ಉರಲಾಯೇ || 11
ರಘುಪತಿ ಕೀನ್ಹೀ ಬಹುತ ಬಡಾಯೀ |
ತುಮ ಮಮ ಪ್ರಿಯ ಭರತಹಿ ಸಮ ಭಾಯೀ || 12
ಸಹಸ ವದನ ತುಮ್ಹರೋ ಯಶಗಾವೈ |
ಅಸ ಕಹಿ ಶ್ರೀಪತಿ ಕಂಠ ಲಗಾವೈ || 13
ಸನಾಕಡಿಕ್ ಬ್ರಹ್ಮದಿ ಮುನಿಸಾ |
ನಾರದಾ ಶರದ್ ಅವರೊಂದಿಗೆ ಅಹಿಸಾ || 14
ಯಮ ಕುಬೇರ ದಿಗಪಾಲ ಜಹಾನ್ ತೆ |
ಕವಿ ಕೋವಿದ ಕಹಿ ಸಕೇ ಕಹಾಂ ತೇ || 15
ತುಮ ಉಪಕಾರ ಸುಗ್ರೀವಹಿ ಕೀನ್ಹಾ |
ರಾಮ ಮಿಲಾಯ ರಾಜ್ ಪ್ಯಾಡ್ ದಿನ್ಹಾ || 16
ತುಮ್ಹರೋ ಮಂತ್ರ ವಿಭೀಷಣ ಮಾನಾ |
ಲಂಕೇಶ್ವರ ಭಯ ಸಬ ಜಗ ಜಾನಾ|| 17
ಯುಗ ಸಹಸ್ರಾ ಜೋಜನ್ ಮೇಲೆ ಭನು |
ಲೀಲ್ಯೋ ತಾಹಿ ಮಧುರ ಫಲ ಜಾನೂ || 18
ಪ್ರಭು ಮುದ್ರಿಕಾ ಮೇಲಿ ಮುಖ ಮಾಹೀ |
ಜಲಧಿ ಲಾಂಘಿ ಗಯೇ ಅಚರಜ ನಾಹೀ || 19
ದುರ್ಗಮ ಕಾಜ ಜಗತ ಕೇ ಜೇತೇ |
ಸುಗಮ ಅನುಗ್ರಹ ತುಮ್ಹರೇ ತೇತೇ || 20
ರಾಮ ದುಆರೇ ತುಮ ರಖವಾರೇ |
ಹೋತ ನ ಆಜ್ಞಾ ಬಿನು ಪೈಸಾರೇ || 21
ಸಬ ಸುಖ ಲಹೈ ತುಮ್ಹಾರೀ ಶರಣಾ |
ನೀವು ರಕ್ಷಕ ಕಾಹೂ ಕೋ ಡರ ನಾ || 22
ಆಪನ ತೇಜ ತುಮ್ಹಾರೋ ಆಪೈ |
ತೀನೋಂ ಲೋಕ ಹಾಂಕ ತೇ ಕಾಂಪೈ || 23
ಭೂತ ಪಿಶಾಚ ನಿಕಟ ನಹಿ ಆವೈ |
ಮಹವೀರ ಜಬ ನಾಮ ಸುನಾವೈ || 24
ನಾಸೈ ರೋಗ ಹರೈ ಸಬ ಪೀರಾ |
ಜಪತ ನಿರಂತರ ಹನುಮತ ವೀರಾ || 25
ಸಂಕಟ ಸೇಂ ಹನುಮಾನ ಛುಡಾವೈ |
ಮನ ಕ್ರಮ ವಚನ ಧ್ಯಾನ ಜೋ ಲಾವೈ || 26
ಸಬ ಪರ ರಾಮ ತಪಸ್ವೀ ರಾಜಾ |
ತಿನಕೇ ಕಾಜ ಸಕಲ ತುಮ ಸಾಜಾ || 27
ಮತ್ತು ಯಾರು ಬಯಕೆಯನ್ನು ತರುತ್ತಾರೋ |
ಸೋಯಿ ಅಮಿತ್ ಜೀವನ್ ಫಲ್ ಪಾವೈ || 28
ಚಾರೋ ಯುಗ ಪ್ರತಾಪ್ ತುಮ್ಹಾರಾ |
ಪ್ರಸಿದ್ಧವಾಗಿದೆ ಜಗತ ಉಜಿಯಾರಾ || 29
ಸಾಧು ಸಂತ ಕೇ ತುಮ ರಖವಾರೇ |
ಅಸುರ ನಿಕಂದನ ರಾಮ ದುಲಾರೇ || 30
ಅಷ್ಠಸಿದ್ಧಿ ನವ ನಿಧಿ ಕೇ ದಾತಾ |
ಅಸ ವರ ದೀನ್ಹ ಜಾನಕೀ ಮಾತಾ || 31
ರಾಮ ರಸಾಯನ ತುಮ್ಹಾರೇ ಪಾಸಾ |
ಸಾದ ರಹೋ ರಘುಪತಿ ಕೇ ದಾಸಾ || 32
ತುಮ್ಹರೇ ಭಜನ ರಾಮಕೋ ಪಾವೈ |
ಜನ್ಮ ಜನ್ಮ ಕೇ ದುಖ ಬಿಸರಾವೈ || 33
ಅಂತ ಕಾಲ ರಘುವರ ಪುರಜಾಯೀ |
ಜಹಾಂ ಜನ್ಮ ಹರಿಭಕ್ತ ಕಹಾಯೀ || 34
ಔರ ದೇವತಾ ಚಿತ್ತ ನ ಧರಯೀ |
ಹನುಮತ ಸೇಯಿ ಸರ್ವ ಸುಖ ಕರಯೀ || 35
ಸಂಕಟ ಕಟೈ ಮಿಟೈ ಸಬ ಪೀರಾ |
ಜೋ ಸುಮಿರೈ ಹನುಮತ ಬಲ ವೀರಾ || 36
ಜೈ ಜೈ ಜೈ ಹನುಮಾನ ಗೋಸಾಯೀ |
ಕೃಪಾ ಕರೋ ಗುರುದೇವ ಕೀ ನಾಯೀ || 37
ಜೋ ಶತ ವಾರ ಪಾಠ ಕರ ಕೋಯೀ |
ಛೂಟಹಿ ಬಂದಿ ಮಹಾ ಸುಖ ಹೋಯೀ|| 38
ಜೋ ಯಹ ಪಡೈ ಹನುಮಾನ ಚಾಲೀಸಾ |
ಹೋಯ ಸಿದ್ಧಿ ಸಾಖೀ ಗೌರೀಶಾ || 39
ತುಲಸೀದಾಸ ಸದಾ ಹರಿ ಚೇರಾ |
ಕೀಜೈ ನಾಥ ಹೃದಯ ಮಹ ಡೇರಾ || 40
।। ದೋಹಾ ।।
ಪವನ್ ತನಯ್ ಸಂಕತ್ ಹರನ್, ಮಂಗಲ್ ವಿಗ್ರಹ ರೂಪ |
ಸೀತಾ, ಹೃದಯ ಬಾಸಾಹು ಸುರ್ ಭೂಪ್ ಅವರೊಂದಿಗೆ ರಾಮ್ ಲಖನ್ ||
-: దోహా :-
శ్రీ గురు చరణ సరోజ రజ నిజమన ముకుర సుధారి |
వరణౌ రఘువర విమల యశ జో దాయక ఫలచారి ||
బుద్ధిహీన తను జానికే సుమిరౌ పవనకుమార |
బల బుద్ధి విద్యా దేహు మోహి హరహు కలేశ వికార ||
– : చౌపాఈ :-
జయ హనుమాన జ్ఞానగుణసాగర |
జయ కపీశ తిహు లోక ఉజాగర ||
రామదూత అతులిత బలధామా |
అంజనిపుత్ర పవనసుత నామా ||
మహావీర విక్రమ బజరంగీ |
కుమతి నివార సుమతి కే సంగీ ||
కంచన వరణ విరాజ సువేశా |
కానన కుండల కుంచిత కేశా ||
హాథ వజ్ర ఔరు ధ్వజా విరాజై |
కాంధే మూంజ జనేవూ సాజై ||
శంకర సువన కేసరీనందన |
తేజ ప్రతాప మహా జగవందన ||
విద్యావాన గుణీ అతిచాతుర |
రామ కాజ కరివే కో ఆతుర ||
ప్రభు చరిత్ర సునివే కో రసియా |
రామ లఖన సీతా మన బసియా ||
సూక్ష్మరూప ధరి సియహి దిఖావా |
వికటరూప ధరి లంక జరావా ||
భీమరూప ధరి అసుర సంహారే |
రామచంద్ర కే కాజ సంవారే ||
లాయ సంజీవన లఖన జియాయే |
శ్రీరఘువీర హరషి వుర లాయే ||
రఘుపతి కీన్హీ బహుత బడాయీ |
తుమ మమ ప్రియ భరత సమ భాయీ ||
సహస వదన తుమ్హరో యశ గావై |
అస కహి శ్రీపతి కంఠ లగావై ||
సనకాదిక బ్రహ్మాది మునీశా |
నారద శారద సహిత అహీశా ||
యమ కుబేర దిగపాల జహాఁ తే |
కవి కోవిద కహి సకే కహాఁ తే ||
తుమ ఉపకార సుగ్రీవహి కీన్హా |
రామ మిలాయ రాజ పద దీన్హా ||
తుమ్హరో మంత్ర విభీషణ మానా |
లంకేశ్వర భయ సబ జగ జానా ||
యుగ సహస్ర యోజన పర భానూ |
లీల్యో తాహి మధుర ఫల జానూ ||
ప్రభు ముద్రికా మేలి ముఖ మాహీ |
జలధి లాంఘి గయే అచరజ నాహీ ||
దుర్గమ కాజ జగత కే జేతే |
సుగమ అనుగ్రహ తుమ్హరే తేతే ||
రామ దువారే తుమ రఖవారే |
హోత న ఆజ్ఞా బిను పైసారే ||
సబ సుఖ లహై తుమ్హారీ శరణా |
తుమ రక్షక కాహూ కో డరనా ||
ఆపన తేజ సంహారో ఆపై |
తీనోఁ లోక హాంక తేఁ కాంపై ||
భూత పిశాచ నికట నహిఁ ఆవై |
మహావీర జబ నామ సునావై ||
నాసై రోగ హరై సబ పీరా |
జపత నిరంతర హనుమత వీరా ||
సంకటసే హనుమాన ఛుడావై |
మన క్రమ వచన ధ్యాన జో లావై ||
సబ పర రామ తపస్వీ రాజా |
తిన కే కాజ సకల తుమ సాజా ||
ఔర మనోరథ జో కోయీ లావై |
తాసు అమిత జీవన ఫల పావై ||
చారోఁ యుగ ప్రతాప తుమ్హారా |
హై పరసిద్ధ జగత ఉజియారా ||
సాధుసంతకే తుమ రఖవారే |
అసుర నికందన రామ దులారే ||
అష్ట సిద్ధి నవ నిధి కే దాతా |
అసవర దీన్హ జానకీ మాతా ||
రామ రసాయన తుమ్హరే పాసా |
సదా రహో రఘుపతి కే దాసా ||
తుమ్హరే భజన రామ కో పావై |
జన్మ జన్మ కే దుఖ బిసరావై ||
అంతకాల రఘుపతి పుర జాయీ |
జహాఁ జన్మ హరిభక్త కహాయీ ||
ఔర దేవతా చిత్త న ధరయీ |
హనుమత సేయి సర్వసుఖకరయీ ||
సంకట హరై మిటై సబ పీరా |
జో సుమిరై హనుమత బలవీరా ||
జై జై జై హనుమాన గోసాయీ |
కృపా కరహు గురు దేవ కీ నాయీ ||
యహ శతవార పాఠ కర జోయీ |
ఛూటహి బంది మహాసుఖ హోయీ ||
జో యహ పఢై హనుమాన చాలీసా |
హోయ సిద్ధి సాఖీ గౌరీసా ||
తులసీదాస సదా హరి చేరా |
కీజై నాథ హృదయ మహ డేరా ||
– : దోహా :-
పవనతనయ సంకట హరణ
మంగళ మూరతి రూప ||
రామ లఖన సీతా సహిత
హృదయ బసహు సుర భూప ||
Read also – Durga Chalisa In Hindi ! दुर्गा चालीसा !
Benefits of Shri Hanuman Chalisa Lyrics
- By reading Hanuman Chalisa, the mind becomes calm, the tension becomes free.
2. Read Hanuman Chalisa text for safe travel. There is benefit from this and there is no fear.
3. In case of any kind of desire, reciting the Chalisa of Lord Hanuman is beneficial.
4. Reading of Hanuman Chalisa gives divine power. This gives relief.
5. Hanuman ji is the god of intelligence and strength. By reciting them you get both of these.
6. By reciting Hanuman Chalisa, the mind of a crooked person becomes good too.
7. By reciting Hanuman Chalisa, the spirit of unity develops.
8. By reciting Hanuman Chalisa, negative feelings are removed and positivity comes in the mind.
9. Drive away evil spirits: Hanuman ji was extremely powerful and was not afraid of anyone. Hanuman ji is considered to be a god and he destroys every evil spirits and gives freedom to the people from them. Those who feel scared at night or have scary thoughts keep coming in their mind, they should recite Hanuman Chalisa daily.
10. By reciting Hanuman Chalisa, you can please Shani Dev and you can be successful in reducing the effect of half-century. According to the story, Hanuman ji had saved the life of Shani Dev, and then Shani Dev happily said that he would not do any harm to any Hanuman devotee from today onwards.
11. Sometimes we make mistakes consciously or unconsciously. But you can ask for his apology by reading the Hanuman Chalisa. By reciting Hanuman Chalisa 8 times at night, you can be free from all kinds of sin.
12. Whoever reads Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi And Hanuman Chalisa Lyrics English in the night, Hanuman ji himself will come and provide protection.
conclusion :-
Hope you have got information about Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi in this post of ours that Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi have benefits and how and when to do Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi as well as we have given you this post In addition to Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi, other languages have also been given and if you have liked the information given in this post of Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi, then share this post to all your devotees and tell by commenting that you post any conclusion
Read also –