हनुमान जी के 108 नाम (Hanuman Ji Ke 108 Naam)

Hanuman ji ke 108 Naam – हनुमान जी, जिन्हें पवनपुत्र, अंजनीसुत और बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के सबसे पूजनीय और शक्तिशाली देवताओं में से एक हैं। वे शक्ति, भक्ति, निष्ठा और साहस के प्रतीक माने जाते हैं। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और सफलता का संचार होता है।
प्रत्येक नाम में हनुमान जी के अलग-अलग स्वरूप और शक्तियों का वर्णन मिलता है, जिनका स्मरण करने से मनुष्य के सभी दुःख, भय और बाधाएँ दूर हो जाती हैं। हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस और भक्ति की वृद्धि होती है। प्रत्येक नाम हनुमान जी के एक विशेष स्वरूप और गुण का प्रतिनिधित्व करता है। भक्त यदि इन नामों का श्रद्धा से स्मरण करे, तो जीवन की सभी बाधाएँ दूर होकर सफलता और शांति प्राप्त होती है।
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Contents
हनुमान जी के 108 नामों का महत्व (Importance of 108 Names of Hanuman Ji)
हनुमान जी के 108 नामों का जाप अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। प्रत्येक नाम हनुमान जी के अलग-अलग रूप, शक्ति और गुण का प्रतीक है। जब भक्त पूरे मन, श्रद्धा और भक्ति से इन नामों का उच्चारण करता है, तो जीवन की सभी नकारात्मक ऊर्जा, भय और बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
यह जाप मानसिक शांति, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान जी के 108 नामों का जप करता है, उसे हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और उसके जीवन में सफलता, भक्ति और बल की वृद्धि होती है।
📿 हनुमान जी के 108 नामों की सूची (List of Hanuman Ji Ke 108 Naam).
हनुमान जी के 108 नामों की पूरी सूची यहाँ देखें। हर नाम हनुमान जी के अलग स्वरूप और शक्ति का प्रतीक है। Hanuman Ji Ke 108 Naam का जाप करने से जीवन में शक्ति, भक्ति और सफलता प्राप्त होती है।
क्रमांक | हनुमान जी का नाम | अर्थ / महत्व |
---|---|---|
1 | हनुमान | जिनका मुख सुंदर और तेजस्वी है |
2 | अंजनीसुत | अंजनी के पुत्र |
3 | वायुपुत्र | पवन देव के पुत्र |
4 | केसरीनंदन | केसरी के पुत्र |
5 | रामदूत | भगवान श्रीराम के दूत |
6 | पिंगाक्ष | जिनकी आँखें लालिमा युक्त हैं |
7 | अमितविक्रम | अतुलनीय पराक्रमी |
8 | उदधिक्रमण | समुद्र को लांघने वाले |
9 | सीताशोकविनाशन | माता सीता के दुःख दूर करने वाले |
10 | लक्ष्मणप्राणदाता | लक्ष्मण को जीवनदान देने वाले |
11 | वज्रदेही | वज्र समान शरीर वाले |
12 | महाबल | महान बल वाले |
13 | रुद्रावतार | भगवान शिव का अवतार |
14 | जटायुधारी | जटाओं वाले योद्धा |
15 | पवनतनय | वायु देव के पुत्र |
16 | रामभक्त | भगवान राम के परम भक्त |
17 | संजीवनदाता | जीवन प्रदान करने वाले |
18 | कपिश्रेष्ठ | श्रेष्ठ वानर |
19 | बलसिंधु | बल का सागर |
20 | ज्ञानगुणसागर | ज्ञान और गुणों के सागर |
21 | महाकाय | विशाल शरीर वाले |
22 | चंचल | गति और चुस्ती से युक्त |
23 | भीमसेनसखा | भीम के समान बलशाली |
24 | सर्वज्ञ | सर्वज्ञानी |
25 | कपिवर | श्रेष्ठ वानर |
26 | जितेन्द्रिय | इन्द्रियों पर विजय पाने वाले |
27 | जितक्रोध | क्रोध पर नियंत्रण रखने वाले |
28 | दैत्यारी | दैत्यों के शत्रु |
29 | सुरप्रिय | देवताओं के प्रिय |
30 | दीनबंधु | दुखियों के साथी |
31 | राघवप्रिय | श्रीराम के प्रिय भक्त |
32 | भवभयहर | संसार के भय को हरने वाले |
33 | आनंदकर | आनंद प्रदान करने वाले |
34 | मंगलमूर्ति | मंगलमय स्वरूप वाले |
35 | रामप्रिय | भगवान राम को प्रिय |
36 | सत्यसंध | सच्चाई में स्थिर रहने वाले |
37 | जितेंद्रिय | इन्द्रियों पर नियंत्रण रखने वाले |
38 | उदार | दयालु और कृपालु |
39 | तेजस्वी | तेज और ओज से युक्त |
40 | कविराज | बुद्धिमान और ज्ञानवान |
41 | भक्तवत्सल | भक्तों से प्रेम करने वाले |
42 | सुरेश्वर | देवताओं के स्वामी समान |
43 | रामसेवक | भगवान राम के सेवक |
44 | महाबली | महान बलशाली |
45 | धर्मपालक | धर्म की रक्षा करने वाले |
46 | संकटमोचन | संकटों को दूर करने वाले |
47 | जगतपालक | संसार के रक्षक |
48 | भीषण | शत्रुओं के लिए भयकारी |
49 | तपस्वी | तप करने वाले |
50 | एकदंती | एकाग्रचित्त साधक |
51 | नीरोगी | रोग रहित |
52 | अमर | अमरत्व प्राप्त |
53 | सुराराध्य | देवताओं द्वारा पूज्य |
54 | रामप्राण | राम के प्राण समान |
55 | जयप्रद | विजय देने वाले |
56 | कपीश्वर | वानरों के ईश्वर |
57 | तेजपुंज | प्रकाश के पुंज |
58 | भक्तरक्षक | भक्तों की रक्षा करने वाले |
59 | शिवप्रिय | भगवान शिव के प्रिय |
60 | त्रिकालज्ञ | तीनों कालों के ज्ञाता |
61 | दीनदयाल | गरीबों पर दया करने वाले |
62 | अष्टसिद्धिदाता | अष्ट सिद्धियों के दाता |
63 | नव निधिदाता | नौ निधियों के दाता |
64 | रामनिष्ठ | राम में स्थिर |
65 | गुणनिधि | गुणों के भंडार |
66 | दयानिधि | करुणा के सागर |
67 | बलवीर | वीरता में अद्वितीय |
68 | पराक्रमी | शौर्य से पूर्ण |
69 | अच्युतप्रिय | भगवान विष्णु के प्रिय |
70 | भक्तप्रिय | भक्तों के प्रिय |
71 | रघुनायकदूत | रघुनाथ के दूत |
72 | रामानुजप्रिय | लक्ष्मण के प्रिय |
73 | शूरवीर | वीरता के प्रतीक |
74 | दयामूर्ति | करुणामय स्वरूप |
75 | उदारचित्त | विशाल हृदय वाले |
76 | रामरक्षक | श्रीराम की रक्षा करने वाले |
77 | आस्तिक | ईश्वर में विश्वास रखने वाले |
78 | परहितकारी | दूसरों का हित करने वाले |
79 | ज्ञानवान | ज्ञान से युक्त |
80 | योगीश्वर | योग के स्वामी |
81 | निर्भय | निडर और साहसी |
82 | अनंतवीर्य | असीम पराक्रम वाले |
83 | महातपस्वी | महान तप करने वाले |
84 | रघुकुलनायकप्रिय | रघुकुल के नायक के प्रिय |
85 | सर्वगुणसंपन्न | सभी गुणों से परिपूर्ण |
86 | धर्मनिष्ठ | धर्म में स्थिर |
87 | लोकप्रिय | सबके प्रिय |
88 | रामव्रती | राम भक्ति में रत |
89 | संकटनाशक | सभी संकटों को नाश करने वाले |
90 | सत्यभक्त | सच्चे भक्त |
91 | सर्वत्रगामी | हर जगह उपस्थित |
92 | अतुल्यबल | अतुलनीय बल वाले |
93 | परमहंस | आत्मज्ञान से युक्त |
94 | महायोगी | महान योगी |
95 | शिवावतार | शिव के अंशावतार |
96 | राक्षसविनाशक | राक्षसों के संहारक |
97 | अमोघ | अचूक शक्तिवाले |
98 | रामवल्लभ | राम के प्रिय |
99 | भक्तवत्सल | भक्तों के प्रति स्नेही |
100 | परशक्ति | परमशक्ति के धारक |
101 | विजयप्रद | विजय देने वाले |
102 | करुणामूर्ति | दया की मूर्ति |
103 | दुष्टनाशक | दुष्टों का नाश करने वाले |
104 | तेजस्वरूप | दिव्य प्रकाशमय स्वरूप |
105 | वज्रांग | वज्र समान शरीर वाले |
106 | ब्रह्मचारी | ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले |
107 | सर्वदुखहर | सभी दुखों का नाश करने वाले |
108 | मंगलप्रद | मंगल करने वाले |
हनुमान जी के 108 नामों का जाप कैसे करें (How to Chant Hanuman Ji Ke 108 Naam)
- सुबह या संध्या के समय स्वच्छ होकर भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- “ॐ” का उच्चारण करते हुए प्रत्येक नाम के साथ श्रद्धा से जप करें।
- आप माला (108 दानों की) का प्रयोग कर सकते हैं।
- नियमित रूप से 108 नामों का जाप करने से हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
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हनुमान जी के 108 नाम क्या हैं?
हनुमान जी, जिन्हें बजरंगबली, पवनपुत्र और अंजनीसुत के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति और साहस के प्रतीक हैं। हनुमान जी के 108 नाम उनके अलग-अलग स्वरूप, शक्ति और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन नामों का जप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस, मानसिक शक्ति और भक्ति की वृद्धि होती है।
हर नाम हनुमान जी के किसी विशेष गुण या कर्म का वर्णन करता है, जैसे कि:
- हनुमान – तेजस्वी और बलशाली देवता
- अंजनीसुत – माता अंजनी के पुत्र
- पवनपुत्र – पवन देव के पुत्र
- रामभक्त – भगवान राम के परम भक्त
- संकटमोचन – सभी संकटों को दूर करने वाले
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हनुमान जी के 108 नाम जाप के लाभ (Benefits of Chanting Hanuman Ji Ke 108 Names)
- भय और नकारात्मकता से मुक्ति
- मन में शांति और आत्मविश्वास
- मानसिक और शारीरिक बल में वृद्धि
- शत्रुओं पर विजय
- जीवन में सफलता और उन्नति
- भगवान श्रीराम के प्रति भक्ति की वृद्धि
निष्कर्ष (Conclusion)
हनुमान जी के 108 नामों का जप करना एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली साधना है। प्रत्येक नाम हनुमान जी के अद्भुत स्वरूप, शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। जो भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ इन नामों का स्मरण करता है, उसके जीवन से भय, दुःख और नकारात्मकता दूर होकर साहस, सफलता और शांति की प्राप्ति होती है। हनुमान जी के नामों का नियमित जाप करने से भगवान श्रीराम की कृपा भी सहज रूप से प्राप्त होती है।
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